रमाला: उत्तर प्रदेश की रमाला सहकारी चीनी मिल से निकाले गए मजदूरों ने अपने मामले को लेबर कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है। गौरतलब कि रमाला चीनी मिल में 2 मजदूरों की दुर्घटना में हुई मौत के बाद मिल में स्थानीय मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा है। मिल ने मजदूरों की मौत के बाद पीड़ित परिवार को 22.50 लाख रुपये का मुआवजा दिया था। काम से निकालने के बाद मजदूरों पर रोजी रोटी का संकट आ गया है। दीपावली नजदीक है और मजदूरों के पास काम नहीं। इसी बात से आहत मजदूरों ने असारा गांव में कंपनी के खिलाफ बैठक कर निर्णय लिया कि वह अपनी मांग को लेकर लेबर कोर्ट जाएंगे।
मजदूरों ने बैठक में कहा कि अब वह चुप बैठने वाले नहीं है। एक तो उनका रोजगार छीन लिया गया है और दूसरा उनका कोई भी जनप्रतिनिधि सहयोग नहीं कर रहा है। गुलशन, जमशेद, नफीस, मुन्ना, सुनील, अलीशेर, अलीहसन, मंगता, यामीन मौजूद रहे। उत्तम ग्रुप के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह का कहना है कि 15-20 मजदूर अनुशासनहीनता कर रहे थे। सुरक्षा का सामान देने के बाद उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। इससे हादसे हो रहे है। ऐसे मजदूरों को ही बाहर किया गया है।
गौरतलब है कि सालभर पहले इस सहकारी चीनी मिल में विस्तारीकरण का काम शुरु हुआ था। उस समय आसपास के दिहाड़ी मजदूरों को काम पर लगाया गया था। स्थानीय मजदूरों को काम से हटाने के कारण रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
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