नई दिल्ली : नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस (GBA) गति पकड़ रहा है और दुनिया भर के उद्योग जगत के नेताओं, उद्यमियों को प्रेरित कर रहा है। GBA सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योगों का एक संघ है, जिसे G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा एक पहल के रूप में पेश किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य जैव ईंधन के विकास और तैनाती को बढ़ावा देने के लिए जैव ईंधन के सबसे महत्वपूर्ण उपभोक्ताओं और उत्पादकों को एकजुट करना है।
एलायंस का लक्ष्य जैव ईंधन के उत्पादन के लिए मांग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना और व्यापार को बढ़ाना है। इसे भारत के लिए ईंधन पर अपनी आयात निर्भरता में कटौती करने और अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है।एलायंस के संस्थापक सदस्य अमेरिका और ब्राजील हैं।
आइए देखते है, कौन से देश और संगठन इस एलायंस में शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं:
22 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन पहले ही एलायंस में शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं।
आठ G20 देश: 1. अर्जेंटीना, 2. ब्राज़ील, 3. कनाडा, 4. भारत 5. इटली, 6. जापान 7. दक्षिण अफ़्रीका, 8. अमेरिका
चार G20 आमंत्रित देश: 1. बांग्लादेश, 2. सिंगापुर, 3. मॉरीशस, 4. संयुक्त अरब अमीरात
दस गैर G20 देश: 1. आइसलैंड, 2. केन्या, 3. गुयाना, 4. पैराग्वे, 5. सेशेल्स, 6. श्रीलंका, 7. युगांडा, 8. फिनलैंड, 9. तंजानिया, 10. फिलीपींस
बारह अंतरराष्ट्रीय संगठन : एशियाई विकास बैंक, विश्व आर्थिक मंच, विश्व एलपीजी संगठन, सभी के लिए संयुक्त राष्ट्र ऊर्जा, यूनिडो, बायोफ्यूचर्स प्लेटफार्म, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा मंच, अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी, विश्व बायोगैस एसोसिएशन, विश्व बैंक .
साथ ही रिपोर्ट्स के मुताबिक, वियतनाम ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस में भी शामिल हो सकता है।इसके साथ ही GBA में शामिल होने वाले देशों की कुल संख्या 23 हो जाएगी।भारत सरकार भी देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भारत ने 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल करने का लक्ष्य रखा है।