मुंबई / औरंगाबाद : चीनीमंडी
मराठवाड़ा क्षेत्रीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक रिपोर्ट द्वारा सूचित किया है की, मराठवाड़ा में गन्ने की फसल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मराठवाड़ा हालही में सूखे से त्रस्त है, जिसके वजह से यहाँ गन्ना उत्पादन पर काफी असर पड़ा है।
मराठवाड़ा में, गन्ना आमतौर पर 3.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है। मराठवाड़ा के सबसे बड़े बांध जायकवाड़ी के क्षमता से दोगुना पानी गन्ने को लगता है। मराठवाड़ा की बात करे तो यहाँ लगभग डेढ़ लाख किसान गन्ना उगाते हैं और सिर्फ गन्ना खेती के लिए इतनी पानी का इस्तेमाल संभव नहीं है।
अगर गन्ने को दिया जाने वाला पानी दालों और अन्य खेतों को दिया जाता है, तो 31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को फायदा हो सकता है। इसका फायदा लगभग 22 लाख किसानों को हो सकता है। इसलिए रिपोर्ट में मराठवाड़ा में गन्ना खेती और चीनी मिलों पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की गई है। संभागीय आयुक्त सुनील केंद्रकर ने यह अध्ययन रिपोर्ट चीनी मिलों के संबंध में बनाई है।
मराठवाड़ा सूखे की मार से जूझ रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पिछड़ों क्षेत्रों विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र के लिए पैकेज की घोषणा भी की थी। पानी की कमी के कारण मराठावाड़ा क्षेत्र में कृत्रिम बारिश करवाने की बात भी कही गई है।
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