नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, विदर्भ को परंपरागत रूप से कपास और ऑरेंज बेल्ट के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस सीजन में पहली बार बड़ी मात्रा में गन्ने की खेती हुई है और 25,000 टन चीनी का निर्यात किया है। उन्होंने कहा, विदर्भ के किसानों ने गन्ना उगाना शुरू कर दिया है। नागपुर जिले में, उत्पादकों ने एक एकड़ से 105 से 110 टन गन्ना उत्पादन लिया है। मंत्री गडकरी केंद्रीय साइट्रस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीसीआरआई) द्वारा नेशनल ब्यूरो ऑफ़ सॉयल सर्वे एंड लैंड यूज प्लानिंग (एनबीएसएलयूपी) सभागार में पीपीपी मोड के माध्यम से रोग मुक्त रोपण सामग्री के उत्पादन पर आयोजित एक वर्कशॉप में बोल रहे थे।
गडकरी ने कहा कि, वसंतदादा शुगर इन्स्टिट्यूट, ने किसानों की मदद के लिए गन्ने पर शोध किया। महाराष्ट्र ने 2021-22 सीजन में लगभग 138 लाख टन चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा, टिशू कल्चर का उपयोग करते हुए, हम नियमित रूप से किसानों को गन्ने के पौधों की आपूर्ति कर रहे हैं। गन्ने के पौधों की मांग बढ़ रही है, लेकिन मिलों की सीमाएँ हैं। इसलिए, हमने उन सफल किसानों की पहचान की है जो अच्छी नर्सरी चलाते है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सीसीआरआई से वैश्विक मानकों के अनुरूप रोपण सामग्री के उत्पादन में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि,संस्थान की भी अपनी सीमाएं हैं, लेकिन यह स्थानीय किसानों के साथ गठजोड़ कर सकता है। उन्होंने कहा, नर्सरियों को रेट करें, उन्हें पंजीकृत करें, उन्हें प्रमाणित करें और उन्हें नियंत्रित करें।गडकरी ने स्वच्छ ईंधन पर भी बात की जिसका वह कुछ समय से प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा,मैं बायोएथेनॉल पेश कर रहा हूं। अगले महीने से (सभी वाहन) बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, टोयोटा, सुजुकी, हुंडई और बजाज, टीवीएस, हीरो आदि के स्कूटर 100% बायोएथेनॉल पर चलेंगे।