बिजनौर: बकाया भुगतान में देरी की वजह से पहले परेशान गन्ना किसानों के सामने अब नया संकट पैदा हुआ है। बिजनौर जिले के कई इलाकों में गन्ने की फसल पर ‘रेड रॉट’ ने हमला किया है। रेड रॉट आने से किसान चिंतित है, किसानों को राहत देने के लिए अब ‘रेड रॉट’ रोकने के लिए चीनी मिलें भी सक्रिय हो गई हैं।राज्य के गन्ना विभाग द्वारा भी ‘रेड रॉट’ को रोकने के लिए कई सारे उपायों पर विचार परामर्श चल रहा है। हालही में गन्ने की 0238 प्रजाति मुजफ्फरनगर में रोग की चपेट में आ गयी है। गन्ना किसान इस रेड रॉट’ से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते है।
बिजनौर में करीब सवा दो लाख हेक्टेयर जमीन में गन्ने की फसल है। जिले में खासकर गंगा, रामगंगा, खो आदि की बेल्ट में गन्ने की फसल है। रेड रॉट की वजह से गन्ने की फसल सूखने लगी है, जिससे किसानों में डर का माहोल है। रेड रॉट बीमारी में गन्ने की जड़ गलकर लाल होने लगती है। जड़ के साथ साथ गन्ने का तना भी लाल होने लगता है। रेड रॉट प्रजाति के गन्ने को बीच से काटने पर उससे सिरके जैसी बदबू आती है। इस तरह के गन्ने का तना व अंगोला भी सूखने लगता है। धीरे धीरे गन्ना गांठों पर से टूटकर अलग भी होने लगता है। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह के अनुसार किसान रोगरहित गन्ने को छांटकर बोएं। कुछ मिलों में गन्ने के बीज को गरम करने के प्लांट लगे हैं। यहां से किसान बीज को शोधित कराकर गन्ना बोएं।
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