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लखनऊ, 13 जून : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है की प्रदेश की चीनी मिलें किसानों की आय का बड़ा साधन हैं। हम इन्हे आधुनिकता से जोड़ेंगे और उत्पादन लागत कम करके कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए नई चीनी मिले लगाएँगे।
मुख्यमत्री ने कहा कि हम जो चीनी मिलें लगा रहे हैं, उनकी क्षमता के निर्माण के साथ ही वहाँ डिस्टलरी भी लगाएंगे और एथेनॉल बनाकर वाहनों को चलाएंगे। इससे एक ओर जहां फ्रेंडली ईंधन मिलने से ईंधन के लिये विदेशों पर हमारी आयात निर्भरता कम होगी वहीं किसान और चीनी मिलों को आर्थिक फ़ायदा होगा। वह पैसा चीनी मिलों के जरिए अगर किसानों की जेब में जाएगा उनके आर्थिकीकरण में बडा बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चीनी मिलों का आधुनिकीकरण कर उन्हें अंतर्रांष्ट्रीय तकनीक से लैस करेगी। इसके लिए विदेश से विशेषज्ञों का पैनल दौरा कर चुका है और मिलों की फिजिबल रिपोर्ट दी जा चुकी है। मिलों के लिए जो वित्तीय अधिभार आएगा उसकी व्यवस्था भी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलों और किसानों की मदद के लिए पहले से बजटीय प्रावधान रहे है लेकिन उसमें राशि बढ़ाकर वित्तीय समायोजन का काम हमने किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों ने चीनी मिलों से लाभ तो कमाया लेकिन मिलों के सुदृढ़ीकरण की नहीं सोची। बाद में जब मिलों की उत्पादन स्थिति कमजोर हुई तो उन्हे औने पौने दामों में बेच दिया या बंद कर दिया जिससे किसानों के साथ साथ मिल कर्मचारियों की भी रोजी रोटी छिनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की इस नीति से उनकी जेबे तो भरी लेकिन सरकार के राजस्व का काफ़ी नुक़सान हो गया। हमारी सरकार आते ही हमने चीनी मिलों को तकनीकी नवाचार से जोडा तो काम के घंटे कम हुए और उत्पादन के आँकड़े में बढोत्तरी हुई है। परिणाम आपके सामने है, लागत घटी है उत्पादन का प्रतिशत बढ़ा है।