द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चूँकि चालू खरीफ सीजन के दौरान धान की खेती का रकबा लगभग एक लाख हेक्टेयर कम हो गया है, जिसके कारण ओडिशा सरकार 151 लाख टन धान (चावल के संदर्भ में 99.75 लाख टन) से अधिक के अपने उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकती है।
पिछले वर्ष की तरह, कृषि विभाग ने खरीफ 2023-24 के लिए 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती का कार्यक्रम बनाया है। मानसून के देर से आगमन और जुलाई और अगस्त के महीनों में राज्य भर में अनियमित वर्षा के बाद कुछ तटीय जिलों में बाढ़ के कारण खरीफ परिचालन में काफी देरी हुई है।
15 सितंबर तक राज्य में धान की फसल का कवरेज क्षेत्र 34.17 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 35.16 लाख हेक्टेयर था। फसल क्षेत्र में कमी के परिणामस्वरूप लगभग 4.32 लाख टन धान के उत्पादन में कमी आएगी, जो लगभग तीन लाख टन चावल के बराबर है।
राज्य सरकार ने उपज को 2,730 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 2,850 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी निर्धारित किया है।