देशभर में जारी किसानों की हड़ताल के बीच केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी राहत देते हुए उनका बकाया 20 हजार करोड़ के भुगतान करने का ऐलान किया है. साथ ही सरकार ने चीनी से निर्यात कर भी हटा दिया है.
सरकार ने गन्ना किसानों के लिए राहत की कई घोषणा करते हुए कहा कि गन्ने का 30 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया जाएगा. इसके अलावा वह किसानों के बकाए 20 हजार करोड़ का भुगतान भी करेगी. सरकार को उम्मीद है कि बफर स्टॉक के जरिए चीनी की सप्लाई को कम किया जा सकेगा.
ऑल इंडिया किसान संघर्ष समिति ने सरकार की ओर से लिए गए फैसले पर कहा कि इन सब के पीछे कैराना का असर है. सरकार कॉरपोरेट के हाथों खेल रही है. चीनी मिलों को बकाए राशि का भुगतान करना है.
मौजूदा हालात में एक किलो चीनी की कीमत 25 रुपये हैं जबकि इसके निर्माण में 30 रुपये खर्च होते हैं. चीनी मिल को अपने पास ही चीनी का बफर स्टॉक रखना होगा.
चीनी व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार चीनी निर्यातकों को उत्पादन पर प्रोत्साहन राशि भी देने जा रही है. इस साल चीनी का बंपर उत्पादन होने और कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए सरकार उसका निर्यात बढ़ाना चाहती है.
सरकार ने क्रूड ऑयल पर निर्भरता कम करने के इरादे से इथेनॉल के उत्पादन पर नई प्रोत्साहन राशि देने की योजना बनाने जा रही है.
सरकार के इन बड़े फैसलों पर इंडियन शुगर मिल्स एसोशिएसन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हम कैबिनेट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जिससे आगे की योजना बनाई जा सकेगी. अभी कुछ भी साफ नहीं है. हालांकि एसोशिएसन ने इथेनॉल पर प्रोत्साहन राशि शुरू किए जाने के फैसले को बढ़िया बताया.
वहीं, अपनी कई मांगों के साथ किसानों का 10 दिवसीय हड़ताल का चौथा दिन चल रहा है. इस आंदोलन के कारण सब्जियों, दूध आदि के दामों में बढ़ोतरी के आसार दिख रहे हैं. हालांकि पिछले तीन दिनों से अभी तक किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल की हुई है.