चीनी उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों ने जूट बैग की कीमत को लेकर चिंता जताई

नई दिल्ली : भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन (Indian Jute Mills Association/IJMA) ने नई दिल्ली में 32वीं स्थायी सलाहकार समिति (Standing Advisory Committee/SAC) की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिसमें जूट बैग की घटती मांग के कारण क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियां भी शामिल हैं। चीनी और प्लास्टिक उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों जैसे प्रमुख हितधारकों ने मंगलवार को बैठक में भाग लिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों ने जूट बैग की कीमत और गुणवत्ता के बारे में चिंता जताई और सरकार से चीनी जूट बैग के लिए दरें तय करने का आग्रह किया।

IJMA अधिकारियों ने कहा कि, जूट आयुक्त कार्यालय (JCO) ने इस क्षेत्र को समर्थन देने की आवश्यकता पर जोर दिया। अनुमानतः 40 मिलियन किसान और 3.5 लाख जूट मिल कर्मचारी इस उद्योग पर निर्भर हैं।

IJMA के उपाध्यक्ष ऋषभ कजारिया ने कहा, जूट उद्योग 55 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहा है, जिससे 50,000 से अधिक कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। 2024-25 के लिए जूट बैग की मांग घटकर 30 लाख बेल्स (30 lakh bales) होने का अनुमान है। IJMA ने SAC से 2024-25 में खाद्यान्न और चीनी पैकेजिंग में 100 प्रतिशत आरक्षण मानदंडों को लागू करने में तत्काल सरकारी हस्तक्षेप का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जूट उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देता है, लेकिन कच्चे जूट की कीमतें एमएसपी स्तर से नीचे आने के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

चीनी उद्योग के बारे में अधिक समाचार पढ़ने के लिए,Chinimandi.com पढ़ना जारी रखें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here