भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट पर 50,000 करोड़ रुपये की ऑन-टैप लिक्विडिटी पेश की, जिसके तहत बैंक 31 मार्च, 2022 तक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, अस्पतालों के साथ-साथ मरीजों के लिए स्वास्थ्य हितधारकों का समर्थन कर सकते हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महामारी का मुकाबला करने के लिए कैलिब्रेटेड उपायों की रूपरेखा तैयार करते हुए बैंकों को इन ऋणों को मंजूरी देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने इन कदमों का किया एलान:
आरबीआई ने हेल्थकेयर के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए के फंड का एलान किया है। इसके तहत इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा और प्राथमिकता वाले सेक्टरों के लिए जल्द ही लोन और इंसेंटिव की व्यवस्था की जाएगी. इनको कोविड लोन बुक के तहत कर्ज दिया जाएगा।
रिजर्व बैंक आने वाले पंद्रह दिनों में 35,000 करोड़ रुपये की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की खरीद करेगा. 35000 करोड़ रुपये की गर्वमेंट सिक्योरिटीज की खरीदारी का दूसरा चरण 20 मई को शुरु किया जाएगा।
मौजूदा कोरोनाकाल में KYC नियमों में कुछ बदलावों को मंजूरी दी गई है और वीडियो के जरिए KYC को इजाजत दे दी गई है।
राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में भी राहत दी जा चुकी है और ये 30 सितंबर तक जारी रहेगी।
आरबीआई के 200 से ज्यादा ऑफिसर्स जो अपने घर से दूर रहकर काम कर रहे हैं उनके लिए क्वारंटीन फेसिलिटी जारी रहेगी।
मॉनसून सामान्य रहने के अनुमान से खाने-पीने की चीजों के दाम काबू में रहने की उम्मीद है।
छोटे कारोबारियों के लिए अलग से कर्ज़ की व्यवस्था की जा रही है पर ये उनके लिए है जिन्होंने पहले नहीं लिया था।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमें वायरस से लड़ने के लिए अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा।