चीनी की खुदरा बिक्री मिलों के लिए एक सफल मॉड्यूल: पी.जी. मेढे

 

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कोल्हापुर : चीनीमंडी

चीनी मिलों को कम बिक्री, अधिशेष स्टॉक के कारण गंभीर तरलता की कमी का सामना करना पड़ रहा है और किसानों के गन्ने के बकाया का दबाव दिनोंदिन बढ़ रहा है। मिलर्स यह भी हवाला दे रहे हैं कि, वे केंद्र सरकार द्वारा तय मासिक बिक्री कोटा को पूरा करने में असमर्थ हैं, जिसके कारण वे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में विफल रहे है। महाराष्ट्र में, बकाया 5,000 करोड़ रुपये के करीब है। आमतौर पर, चीनी मिलें उन व्यापारियों को चीनी बेचते हैं, जो इसे थोक मात्रा में खरीदते हैं। इस प्रक्रिया के लिए मिलें निविदाएं बनाती हैं, और व्यापारी उनमें भाग लेते हैं।

एक बार इस तरह के सौदों को अंतिम रूप देने के बाद, थोक व्यापारी फिर छोटे शहरों में खुदरा व्यापारियों को चीनी बेचने के लिए आगे बढ़ते हैं, जहां से चीनी खुदरा उपभोक्ताओं के हाथों में आती है। कम बिक्री की शिकायत के कारण कई मिलों के टेंडर अनुत्तरित रह गए हैं। इस संकट से बाहर आने के लिए, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त श्री शेखर गायकवाड़ ने मिलों को चीनी की खुदरा बिक्री में उतरने का सुझाव दिया है।

ChiniMandi.com के साथ बातचीत में, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त गायकवाड़ ने कहा, बाजार में चीनी की मांग में कमी देखी जा रही है, जबकि मिलर्स व्यापारियों को चीनी स्टॉक बेच रहे हैं, मैंने मिलों को सीधा खुदरा बिक्री में उतरने का सुझाव दिया है, जिससे मिलों का राजस्व बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह कदम मिलरों को आर्थिक संकट से उबरने में आसानी ला सकता है। उन्होंने कहा, अगर खुदरा बिक्री मिलों के आसपास के क्षेत्र में होती है, तो इससे न केवल उच्च राजस्व प्राप्ति होगी, बल्कि ग्राहकों को भी सस्ती चीनी मिलेगी।

छत्रपति राजाराम चीनी मिल के मानद विशेषज्ञ सलाहकार पी.जी. मेढे ने कहा, चीनी की खुदरा बिक्री अच्छी गति ले रही है और चीनी मिलों के पक्ष में आ गई है। हमारी मिल शहर के भीतर स्थित होने के कारण और परिवहन की कम लागत के कारण हम शहर में अपने स्टॉक को अच्छी तरह बेच पाए हैं। चीनी की खुदरा बिक्री एक सफल मॉड्यूल और अच्छा विकल्प है; हालाँकि, यह अधिशेष चीनी की समस्या से निपटने की ‘टेम्पररी’ दर्द निवारक दवा है।

यह कदम मिलों को निर्यात विकल्पों को देखने के बजाय नये बाजार की खोज करके अपनी बिक्री बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा। खुदरा बिक्री केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित स्टॉक सीमा के भीतर होगी। चूंकि चीनी आयुक्त ने चीनी मिलों को खुदरा बिक्री करने की सलाह दी थी, इसलिए कई मिलों ने इसमें रुचि दिखाई है। और तो और कई मिलों ने खुदरा बिक्री शुरूवात भी की है।

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