धान खरीद में चावल मिल मालिकों की कोई भूमिका नहीं होगी: खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री पात्रा

भुवनेश्वर : ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि, नवंबर से शुरू होने वाले इस खरीद सत्र में चावल मिल मालिक अब मंडियों से धान नहीं खरीदेंगे। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि, धान की खरीद केवल केंद्रीय एजेंसियों और प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि, खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

मंत्री पात्रा ने कहा कि, खरीद प्रक्रिया की देखरेख के लिए प्रत्येक मंत्री को दो जिलों का प्रभार दिया जाएगा, जबकि कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार बनाया जाएगा। जिला कलेक्टर की समग्र निगरानी में एक सरकारी अधिकारी एक मंडी का प्रभारी रहेगा। मंत्री ने कहा कि चावल मिल मालिकों का धान खरीद से कोई लेना-देना नहीं होगा, उन्हें केवल मिलिंग के लिए लक्ष्य दिया जाएगा।

मंत्री के बयान का स्वागत करते हुए ऑल ओडिशा राइस मिलर्स एसोसिएशन (एओआरएमए) के महासचिव लक्ष्मीनारायण दीपक रंजन दास ने कहा कि मंत्री ने वही कहा है, जिसकी एसोसिएशन हमेशा से मांग करती रही है। दास ने कहा कि खरीद में मिल मालिकों की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि खरीद का काम मुख्य रूप से पैक्स को करना चाहिए। मिलों तक धान पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है।

पहले मिल मालिकों को मंडियों से मिलों तक धान पहुंचाने की अनुमति थी। उन्होंने कहा, मंडी से मिल तक धान पहुंचाना मिल मालिक का काम नहीं है। यह काम सरकार को करना चाहिए, लेकिन मिल मालिकों ने बिना किसी खर्चे के यह जिम्मेदारी ले ली। मिल मालिक अब यह काम नहीं करना चाहते।

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