नई दिल्ली : चीनी मंडी
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि, गन्ने का उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी ) 275 रुपये प्रति क्विंटल बनाए रखने का कैबिनेट का फैसला चीनी मिलों की व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगा। सरकार ने अगले विपणन वर्ष जो अक्टूबर से शुरू होगा, उसके के लिए गन्ना किसानों को पिछले साल जितना ही ‘न्यूनतम मूल्य’ भुगतान रखा है।
वर्मा ने कहा की, मैंने इतिहास में कभी नहीं देखा है कि किसी भी फसल की कीमत को सरकार द्वारा कम किया गया है। गन्ने की कीमत को उसी स्तर पर रखना सरकार का शानदार और उत्कृष्ट निर्णय है, क्योंकि यह चीनी मिलों की व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगा। चीनी उद्योग किसानों को भुगतान करने में असमर्थ था,क्योंकि चीनी की कीमतों में काफी गिरावट हुई थीं। हमें सभी किसानों को भुगतान करने के लिए बेहतर स्थिति में होना चाहिए और गन्ना मूल्य बकाया उतना नहीं होना चाहिए जितना कि पिछले वर्ष था। सरकार से आगे की उम्मीद के बारे में बात करते हुए, वर्मा ने कहा, हम सरकार से तुरंत दो फैसलों की उम्मीद कर रहे हैं, एक निर्यात के मोर्चे पर है और दूसरा अगले सत्र के लिए इथेनॉल खरीद मूल्य है। उन्होंने कहा की, निर्यात नीति की घोषणा करने का यह सही समय है।
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