Russia-Ukraine War: कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी एथेनॉल सम्मिश्रण को बढ़ावा दे सकती हैं

नई दिल्ली : यूक्रेन – रूस संघर्ष के बाद आपूर्ति बाधित होने की चिंताओं और घरेलू ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बीच ब्रेंट क्रूड की कीमत बुधवार को 113 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हुई। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) को बढ़ावा मिल सकता है। देश अपनी 80 प्रतिशत से अधिक तेल मांगों को पूरा करने के लिए तेल आयात पर निर्भर है। 2020-21 में तेल विपणन कंपनियों ने 3672 करोड़ लीटर एथेनॉल-मिश्रित ईंधन बेचा, जिससे 9580 करोड़ रुपये (1.3 बिलियन डॉलर) की विदेशी मुद्रा की भी बचत हुई।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, देश में वर्तमान में 722 करोड़ लीटर एथेनॉल बनाने की क्षमता है, जो 2025 तक प्रति वर्ष 1,500 करोड़ लीटर तक पहुंच जाएगी। भारत के एथेनॉल मिश्रण में पिछले पांच वर्षों में तेज वृद्धि देखी गई है। वर्ष, 2016-17 में 2.07% से 2020-21 में 8.10% तक मिश्रण मात्रा पहुंच गई है। महंगे तेल आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने और किसानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करने में मदद करने के लिए, केंद्र सरकार ने पिछले साल 2030 से 2025 तक पेट्रोल के साथ 20% एथेनॉल सम्मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य आगे बढ़ाया।

ISMA के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा की 2020-21 में, OMCs को 302 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की गई, जिससे देश ने औसतन 8.10% का मिश्रण हासिल किया। हमें उम्मीद है कि देश वित्त वर्ष 2022 के अंत तक 10% और 2025 तक 20% सम्मिश्रण लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। लक्ष्य को पूरा करने के लिए, उत्पादन और मांग दोनों पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

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