422 करोड़ की चीनी मिल को 84 करोड़ में बेचने के मुद्दे को लेकर मचा बवाल

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अक्करा (घाना) : घाना के अल्पसंख्यक नेता हरुना इदरीसु ने कहा की व्यापार और उद्योग मंत्रालय द्वारा कोमेन्डा चीनी मिल की बिक्री को किसानों के साथ साथ भारत के साथ भी धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा कि, भारत सरकार के सहायता से बने चीनी मिल को बेचने का निर्णय तर्कसंगत नही है और यह कदम दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है।

इदरीसु ने कई सवाल उपस्थित किए, उन्होंने कहा, यह 422 करोड़ की कोमेन्डा मिल केवल 84 करोड़ रूपये में क्यों बेचीं जा रही है। सबसे पहले, इसके मूल्यांकन के लिए प्रतिस्पर्धी बोली कब लगाई गई थी? इसका तकनीकी मूल्यांकन किसने किया था? व्यापार और उद्योग मंत्री को जवाब देना चाहिए … वह जो कर रहे हैं वह जनता के हित में नहीं है और जनता की भलाई में नहीं है।

मिल शुरू होने के तीन साल बाद खराब हुई है। सितंबर 2018 में राष्ट्रपति ने खुलासा किया था कि, सरकार “ऋण-ग्रस्त और निष्क्रिय” मिल को पुनर्जीवित करने के लिए एक रणनीतिक निवेशक खोजने की प्रक्रिया में है। उनके अनुसार, पर्याप्त मात्रा में गन्ने की अनुपलब्धता सहित गंभीर कमियों के कारण मिल बंद हुई है। इसके बाद, व्यापार और उद्योग मंत्री, एलन किरेमंतेन ने इस साल अप्रैल में संसद को बताया कि, मिल को एक नए निवेशक को 84 करोड़ पर बेचा जाएगा।

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