मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र में सहकारी चीनी मिलें केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को एथेनॉल के कीमतों में बढोतरी के बाद एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अगले दो वर्षों में 2500 करोड़ रुपये के निवेश पर नजर गड़ाए हुए हैं। महाराष्ट्र राज्य चीनी सहकारी संघ के एक पदाधिकारी के मुताबिक, “महाराष्ट्र की चीनी मिलों में हर साल 57 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन करने की क्षमता है और यह अगले दो वर्षों में लगभग 2500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ दोगुना हो सकता है।”
केंद्र सरकार की जैव-ईंधन नीति का लक्ष्य 2022 तक पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत एथेनॉल और 2030 तक 20 प्रतिशत प्राप्त करना है।
पिछले वित्तीय वर्ष में देखा गया है कि, तेल विपणन कंपनियों द्वारा दिया गया मूल्य पर्याप्त आकर्षक नहीं होेने के कारण महाराष्ट्र की चीनी मिलें 14 करोड़ लीटर से कम एथेनॉल का उत्पादन किया। हालांकि गन्ने के रस, चीनी और चीनी सिरप से एथेनॉल को 59.13 रुपये प्रति लीटर के भुगतान के केंद्र सरकार के फैसले के बाद उत्पादन तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
चीनी मिलें चीनी की कीमतों में कमी, अधिशेष स्टॉक और गन्ना बकाया जैसे मुद्दों का सामना कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एथेनॉल का उत्पादन चीनी मिलों को वित्तीय स्थिति में सुधार करने और गन्ना बकाया को दूर करने में मदद करेगा।
अब तक एथेनॉल को कच्ची चीनी से उत्पादित करने की अनुमति नहीं थी। कच्ची चीनी से इथेनॉल की ऊंची कीमतों से चीनी मिलों के अधिशेष चीनी में भारी कमी होने की उम्मीद है। पिछले साल तक, इथेनॉल को केवल मोलॅसीस से उत्पादित करने की अनुमति थी।
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