कोल्हापुर : स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने कर्नाटक सरकार द्वारा लिए गए निर्णय की तर्ज पर महाराष्ट्र के गन्ना किसानों को अंतिम बिल भुगतान के बाद प्रति टन 400 रुपए करने की मांग को लेकर 13 सितंबर को कोल्हापुर में चीनी विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक के कार्यालय पर मार्च निकालने का ऐलान किया है। पूर्व सांसद शेट्टी ने चेतावनी दी है की, किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो चीनी मिलों को आने वाला पेराई सीजन शुरू नहीं करने देंगे।
शेट्टी ने कहा, वैश्विक बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ रही है, और इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए एफआरपी तय की गई। लेकिन शेट्टी ने दावा किया की, चीनी मिलों को किसानों को दिए एफआरपी से 500 रुपये ज्यादा मुनाफा मिला है। एथेनॉल उत्पादन से भी मिलों को ज्यादा पैसे मिले है, और यह ज्यादा कमाई मिलों को रेवेन्यू शेयरिंग फार्मूला (RSF) के तहत किसानों के साथ साझा करनी चाहिए। इसलिए हम पिछले दो साल से गन्ना मूल्य नियंत्रण समिति के गठन की मांग कर रहे थे। सरकार ने आनन-फानन में एक माह पहले गन्ना मूल्य नियंत्रण समिति का गठन कर दिया, लेकिन अभी तक RSF के तहत 2021-22 पेराई सीजन का हिसाब नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, 2022-23 पेराई सीजन में हिस्सा लेने वाली प्रदेश की लगभग 70 से ज्यादा चीनी मिलें एफआरपी से जादा भुगतान कर सकती है, लेकिन गन्ना मूल्य नियंत्रण समिति द्वारा अब तक 2021-22 पेराई सीजन का हिसाब नहीं हुआ है, तो 2022-23 का हिसाब कब होगा? ऐसा सवाल शेट्टी ने उपस्थित किया है। उन्होंने आरोप लगाया की, राज्य सरकार चीनी मिलों को बचा रही है।
शेट्टी ने स्पष्ट कर दिया की, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ बने विपक्ष के इंडिया आघाडी से कोई नाता नहीं है।हमने स्टैंड लिया है कि, एमएसपी नहीं तो वोट नहीं। सभी फसलों को गारंटी मूल्य मिलना चाहिए, अब केवल 23 फसलों को गारंटी मूल्य मिलता है। इस मौके पर पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि, वह इन किसानों की मांगों को लेकर प्रगतिशील मंच के जरिए 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।