मधुबनी: जिले में वर्षों से बंद पड़ी लोहट चीनी मिल की जमीन बिक्री का मामला सामने आया है। जिस मिल को फिर से शुरू करने के लिए किसान और कई संघठन सालों से कोशिश कर रहे थे, उसी मिल में जमीन बिक्री गडबडी से मिल के शुरू होने पे सवाल खड़े हुए है। मिल की जमीन के कई हिस्सों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया है, और तो और पंडौल स्थित मिल की जमीन बिक्री का मामला सामने आया है। मामला कोर्ट में जाने के बाद बिक्री की गई जमीन की जमाबंदी रद कर हाईकोर्ट को प्रति शपथ पत्र भी भेजा गया है। जमीन बिक्री मामलें में कई संदिग्धों के कई राजनितिक पार्टियों से सांठगाठ होने की बातें भी सामने आई है। मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए अंतरिम आदेश भी जारी किया है। इसमें मिल की जमीन पर कार्यालय चला रहे दोनों राजनीतिक दलों को नोटिस जारी करने को कहा गया है। इसके अलावा इन कार्यालयों को हटाने की कार्रवाई का भी आदेश दिया है।
दरभंगा सुगर कंपनी के तहत वर्ष 1914 में स्थापित लोहट चीनी मिल 1996 से बंद पड़ी है। इसे चालू करने की दिशा में 2012 में राज्य सरकार ने इसे चालू करने के लिए डालमिया समूह को स्वीकृति प्रदान की थी। मिल को चालू करने के लिए तमिलनाडू, हरियाणा व दिल्ली की एक-एक कंपनी बिना निवेश के लौट चुकी है। मिल के 150 एकड़ में कृषि फार्म, 75 एकड़ में मिल, पदाधिकारी व कर्मियों के आवास समेत 225 एकड़ वाली मिल की जमीन के कई हिस्सों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया है।
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