लाहौर: चीनी उद्योग के अधिकारियों ने दो मिलियन टन अधिशेष चीनी के निर्यात के लिए सरकार की अनुमति मांगी है। पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) के अध्यक्ष चौधरी जका अशरफ ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, चीनी उद्योग के पास 17 अरब डॉलर की उपलब्ध अतिरिक्त चीनी है, लेकिन सरकार मिलों की दलीलों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। ज़का ने बताया कि, स्वतंत्र रूसी राज्यों ने पाकिस्तान से चीनी खरीदने में रुचि व्यक्त की है। PSMA अध्यक्ष जका अशरफ ने कहा, देश भर में चीनी की कुल खपत 6 मिलियन टन तक थी, जबकि इस बार देश भर में 2 मिलियन टन अधिशेष के साथ रिकॉर्ड 8 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ।
जका अशरफ ने कहा कि, चीनी मिलें 10 प्रतिशत अधिक चीनी का निर्यात करने के लिए तैयार हैं, अगर निर्यात की अनुमती नही मिलती है तो उन्हे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा और अगले सीजन में उनके लिए पेराई संभव नहीं होगी। उन्होंने गारंटी दी कि, निर्यात के बावजूद पूरे पाकिस्तान में चीनी की खुदरा कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होगी और सरकार द्वारा चीनी निर्यात की अनुमति देने के बाद भी कमोडिटी की कोई कमी नहीं होगी।उन्होंने कहा कि, मिल मालिक चीनी निर्यात पर सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मांग रहे हैं। अशरफ ने चेतावनी दी कि अगर निर्यात की अनुमति तुरंत नहीं दी गई, तो चीनी की वैश्विक दरें नीचे आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान इस स्थिति के बारे में बताया, लेकिन इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया।उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द चीनी निर्यात की अनुमति देने की अपील की, जिससे सरकार को अच्छी विदेशी मुद्रा और चीनी मिलों को राजस्व का लाभ हो सके।