पणजी: कई सारी अटकलों के बीच गोवा सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि, राज्य की एकमात्र संजीवनी चीनी मिल बंद नहीं होगी। आज (बुधवार) होने वाली कैबिनेट बैठक में सहकारी समिति रजिस्ट्रार से कृषि विभाग को मिल स्थानांतरित करने का फैसला हो सकता है। पिछले सप्ताह गन्ना किसानों के साथ एक अनिर्णायक बैठक के बाद, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने मंगलवार को प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि, कृषि विभाग के तहत या सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के माध्यम से मिल चलाने का फ़ैसला लिया जाएगा। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री तथा कृषि मंत्री चंद्रकांत कावलेकर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तानवड़े भी शामिल थे। हालांकि,सहकारिता मंत्री गोविंद गौड मौजूद नहीं थे।
कावलेकर ने मीडियाकर्मियों से मुलाकात के बाद कहा कि, मुख्यमंत्री ने किसानों को स्पष्ट कर दिया है कि सरकार संजीवनी चीनी मिल को बंद नहीं करेगी और किसान गन्ने की खेती जारी रख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि, मिल बंद नहीं होगी। बुधवार को कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा, ताकि सहकारिता विभाग से मिल को सुचारु रूप से चलाने के लिए कृषि विभाग को स्थानांतरित किया जा सके। उपमुख्यमंत्री कावलेकर ने कहा कि, सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि मिल को पीपीपी मॉडल पर चलाना है या कृषि क्षेत्र के तहत केंद्रीय निधियों का उपयोग करना है। उन्होंने कहा, कई निजी खिलाड़ियों ने सरकार से संपर्क किया और साथ ही किसानों ने भी मिल को चलाने के लिए दिलचस्पी दिखाई।
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