सांगली : चीनीमंडी
जनवरी 2019 में राज्य सरकार ने सर्वोदय सहकारी चीनी मिल का राजाराम बापू सहकारी चीनी मिल के साथ किया गया बिक्री समझौता अवैध घोषित किया था। राज्य सरकार के इस आदेश को राजाराम बापू चीनी मिल द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, उच्च न्यायलय ने गुरुवार को राज्य सरकार का आदेश बदलने से इनकार कर दिया।
न्यायालय का यह फैसला राजाराम बापू चीनी मिल के नेता, एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक जयंत पाटिल को बड़ा झटका माना जा रहा है। न्यायलय के फैसले के बाद भी राजाराम बापू मिल द्वारा ‘सर्वोदय’ के प्रबंधन का दावा किया गया है, तो दूसरी तरफ मिल के संस्थापक संभाजी पवार ने कहा कि, आनेवाले सीजन से हम मिल अपने प्रबंधन के द्वारा शुरू करेंगे। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी, सर्वोदय मिल के प्रबंधन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
सर्वोदय मिल और राजाराम बापू मिल में 2007 में सशर्त बिक्री समझौता हुआ था, लेकिन उस समय, चीनी आयुक्त ने बिक्री समझौता ख़ारिज किया था। उसके बाद भी एक सशर्त बिक्री समझौता हुआ। इस समझौते को मिल के कुछ सदस्यों ने 2018 में उच्च न्यायालय में चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि, इस मामले में राज्य सरकार खुद फैसला करे। इसके अनुसार, सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के सामने सुनवाई हुई। उन्होंने जनवरी 2019 में, सर्वोदय मिल और राजाराम बापू मिल में 2007 में हुआ सशर्त बिक्री समझौता राज्य सरकार की स्वीकृति के बिना होने के कारण अवैध करार दिया था। राजाराम बापू कारखाने ने इस पर उच्च न्यायालय में अपील की थी। गुरुवार को हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हुई।
यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये