नई दिल्ली: डीसीएम श्रीराम लिमिटेड ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के दो जिलों में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से गन्ने की खेती को बढ़ावा देने की पहल से पिछले दो वर्षों में 299 बिलियन लीटर पानी बचाने में मदद मिली है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि, हरदोई और लखीमपुर खीरी जिलों के किसानों के लिए लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (IISR) द्वारा प्रमाणित ‘ मीठा सोना ” अभियान के तहत जल उपयोग दक्षता पर प्रशिक्षण दिया गया था।
डीसीएम श्रीराम के कार्यकारी निदेशक और सीईओ रोशन लाल तमक ने कहा, कंपनी ने किसानों को उत्पादन के सर्वोत्तम कृषि अभ्यासों और जल-कुशल तरीकों से प्रशिक्षित किया गया है। जिससे उन्हें पिछले दो वर्षों में 299 बिलियन लीटर पानी बचाने में सक्षम किया गया है। गन्ने की खेती में पानी के अधिक इस्तेमाल की समस्या का समाधान तो इस बुनियादी प्राकृतिक संसाधन के किफायती उपयोग से ही तलाशा जा सकता है। सौभाग्य से अब गन्ने की खेती में पानी के इस्तेमाल को कम करने वाली तकनीकें भी आ गई हैं। कंपनी ने कहा कि, कचरे की कटाई, मल्चिंग, कंपोस्टिंग, लेजर लेवलिंग और ट्रेंच प्लांटिंग जैसी उन्नत कृषि पद्धतियों में सुधार हुआ। लगभग 2,250 गांवों और 2,25,000 गन्ना किसानों को जल-कुशल कृषि प्रथाओं पर प्रशिक्षित किया गया था।