उत्तर प्रदेश में वर्तमान पेराई सत्र में चीनी उत्पादन के साथ साथ चीनी रिकवरी में भी वृद्धि देखने को मिल रही है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड के आकड़ों के मुताबिक, 29 फरवरी 2024 तक, उत्तर प्रदेश में 120 चीनी मिलों ने पेराई सत्र 2023-24 में भाग लिया था जिसमे से 7 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दिया है। राज्य में 766.50 लाख टन गन्ने की पेराई की गई है और अब तक 78.95 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है।
वही इस समय तक पिछले सीजन 2022-23 में 118 चीनी मिलों द्वारा 744.15 लाख टन गन्ना पेराई कर 69.95 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। मतलब वर्त्तमान पेराई सीजन में गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन में राज्य आगे है।
चीनी रिकवरी में भी राज्य पिछले सीजन के मुकाबले आगे है। 29 फरवरी 2024 तक 10.30 प्रतिशत रिकवरी दर्ज की गई है जबकि पिछले सीजन इस तारीख तक 9.40 प्रतिशत चीनी रिकवरी दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन अनुमान 115 लाख टन का है।
अगर देश की बात करे तो, NFCSF के आकड़ों के मुताबिक, 29 फरवरी 2024 तक, देश में 462 चीनी मिलों में पेराई सत्र 2023-24 शुरू है और 2559.64 लाख टन गन्ने की पेराई की गई है और अब तक 254.70 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है। देश में कुल 533 चीनी मिलों ने पेराई सीजन में भाग लिया था जिसमे से अब तक 71 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दिया है।