मुंबई: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सात वस्तुओं, अर्थात् धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों, सोयाबीन क्रूड पाम ऑयल और मूंग के डेरिवेटिव अनुबंधों में ट्रेडिंग के निलंबन को एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। सेबी ने एक विज्ञप्ति में कहा, उपरोक्त अनुबंधों में कारोबार पर रोक को 20 दिसंबर 2022 के बाद एक और साल के लिए यानी 20 दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रेगुलेटर ने दिसंबर 2021 में एक्सचेंजों पर सोयाबीन, सरसों, चना, गेहूं, धान, मूंग और क्रूड पाम ऑयल के नए डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च करने पर रोक लगा दी थी।
कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने सरकार और बाजार नियामक सेबी से आग्रह किया था कि, एक्सचेंजों को कच्चे पाम तेल और गेहूं सहित सात कृषि डेरिवेटिव अनुबंधों में व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए, जिन्हें दिसंबर 2021 से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।पिछले सोमवार को वित्त मंत्रालय और सेबी को लिखे अपने पत्र में, एसोसिएशन ने कहा कि, लंबे समय तक प्रतिबंध भारतीय कमोडिटीज़ बाजार पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक है। सीपीएआई ने कहा था कि, एग्री-कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट्स में महत्वपूर्ण अस्थिरता होने की स्थिति में कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए बढ़ते मार्जिन और ओपन इंटरेस्ट लिमिट को कम करने जैसे आसानी से रिवर्सिबल ऑप्शन का सहारा लिया जा सकता है।