वरिष्ठ वैज्ञानिक गन्ना किसानों को दे रहे है फसल को बीमारियों से बचाव की जानकारी

मुजफ्फरनगर:खतौली चीनी मिल क्षेत्र में रेड माइट, बेव माइट एवं विलस्टर माईट(अष्टपदी) एवं क्राउन मिली बग एवं पिंक मिलीबग के साथ ही साथ पोक्का बोइंग रोग से गन्ना फसल काफी प्रभावित हुई है।इसके मद्देनजर गन्ना बीज संस्थान करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके पाण्डेय ने मिल क्षेत्र के किसानों को गन्ने की फसल में लगने वाली बीमारियों से फसल को बचाने जानकारी दी।आपको बता दे की,पिछले कुछ दिनों से गन्ना फसल किट के चपेट में आ गई है,और इससे फसल को काफी नुकसान हो रहा है।गन्ना बीज संस्थान और चीनी मिल प्रबंधन किसानों की सहायता के लिए आगे आया है।डॉ.एसके पांडेय ने किसानों को अच्छी फसल के लिए खाद के संतुलित प्रयोग की सलाह दी।

‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, डॉ. एसके पाण्डेय ने फसल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माईट कीट एवं मिलीबग का तत्काल प्रबंधन करने के लिए 300 मिली इमिडाक्लोप्रिड-17.8 प्रतिशत 3 किलोग्राम सल्फर -90 प्रतिशत डब्ल्यूडीजी 2 किलोग्राम यूरिया की मात्रा को 300 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से पर्णीय छिडकाव अवष्यक रुप से करने का सुझाव दिया।चीनी मिल अधिकारियों ने किसानों को पोक्का बोईंग रोग के प्रबंधन की जानकारी दी। इस दौरान कुलदीप राठी ने किसानों को को निर्धारित मात्रा व सही समय पर कृषि रसायनों का प्रयोग करने की सलाह दी।

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