पुणे : चीनी मंडी
महाराष्ट्र चीनी आयुक्त द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 2020-21 के अगले चीनी सीजन से महाराष्ट्र में चीनी मिलों को अब किसानों के साथ गन्ना पंजीकरण, गन्ना आपूर्ति और फेयर एंड रेमुनरेटिव प्राइस (एफआरपी ) भुगतान के लिए अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर करने होंगे। पहले मिलें किसानों के साथ एक ही समझौता करते थे, जिसमें गन्ने की किस्म, गन्ना आपूर्ति और एफआरपी की राशि का किसानों को भुगतान किया जाता था।अब चीनी आयुक्त सौरभ राव ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि, खरीदार (चीनी मिल) और गन्ना विक्रेता (किसान) के बीच एक अलग समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा।
2018-19 सीजन में, कई मिलों ने किसानों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे और कहा था कि, मिलों के खाते में पैसे आने के बाद किसानों को गन्ना बकाया भुगतान किया जाएगा। पिछले तीन से चार चीनी सीजन में गन्ना बकाया भुगतान समस्या चीनी मिलों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई है। जिसके कारण कई मिलें आर्थिक रूप से काफ़ी त्रस्त है।
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