शामली: जिले में 2023- 24 सीजन में मिल पूरी क्षमता के साथ चलाने के लिए चीनी मिलों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। गन्ने का कम उत्पादन और सहारनपुर जिले में दो नई चीनी मिले चालू होने से वेस्ट यूपी के चीनी मिलों के सामने गन्ना का संकट पैदा होने का अनुमान लगाया है। शामली जिले की चीनी मिलों द्वारा किसानों का बकाया गन्ना भुगतान न किए जाने से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिले की चीनी मिलों की निगाहें शामली की चीनी मिलों के खरीद केंद्रों पर टिक गई है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल शामली जिले में गन्ने का रकबा तीन प्रतिशत से लेकर पांच प्रतिशत घटा है। पिछले कई सालो से जिले की चीनी मिलें भी किसानों का गन्ना भुगतान करने में पिछड़ रही है। संपूर्ण गन्ना भुगतान न करने पर जिले के किसान शामली, थानाभवन, और ऊन चीनी मिलों से नाराज है। नए सत्र 2023- 24 के लिए किसान अपना गन्ना इन चीनी मिलों को न देकर दूसरे जिले की खतौली, तितावी और अन्य चीनी मिलों को देने की मांग कर रहे है। जिसके कारन गन्ने के लिए चीनी मिलों को भागमभाग करनी पड़ सकती है।
चीनी मिलों के सामने एक यह भी मुश्किल है की शामली गन्ना समिति कार्यालय में किसानों का पिछले सात दिनों से बेमियादी धरना चल रहा है। जिसमें किसान अपना खरीद केंद्र बदलकर दूसरे जिले की चीनी मिले को दिए जाने की मांग कर रहे हैं।