मुम्बई : चीनी मंडी
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि, कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित चीनी उद्योग को संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की, आर्थिक तरलता की समस्या से परेशान चीनी उद्योग के लिए सरकार द्वारा जल्द से जल्द विशेष सहायता पैकेज देने की जरूरत है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा की, चीनी महासंघों ने केंद्र सरकार को जो राहत के उपाय सुझाए हैं, उनमें 2018-19 और 2019-20 से लंबित निर्यात प्रोत्साहन और बफर स्टॉक खर्चों के लिए पैसों का प्रावधान शामिल हैं। इसके साथ ही चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में ग्रेड के अनुसार प्रति क्विंटल 3450 से लेकर 3750 की वृद्धि सुझाए है। इसके आलावा भी महासंघों द्वारा कई राहत के उपाय सुझाए गए है। पवार ने सरकार से यह सभी मुद्दों पर ध्यान देने और राहत देने की दरख्वास्त की है।
पवार ने कहा की, भारतीय चीनी उद्योग पहले से ही चीनी की मांग में कमी और गन्ना बकाया के संकट का सामना कर रहा है। अब कोरोनो वायरस ने पूरी आपूर्ति श्रृंखला को भी चिंताजनक बना दिया है।
Raised concerns through letter to Hon. @PMOIndia and requested his urgent intervention to bail out #sugar industry from crisis aggravated exponentially by unprecedented nationwide lockdown in the wake of pandemic #COVIDー19 pic.twitter.com/73MYTSt5l5
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) May 15, 2020
NCP प्रमुख ने ट्विटर पर भी पत्र को ट्वीट किया है और लिखा “प्रधानमंत्री का कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश के चीनी उद्योग की खराब हालात के बारे में अवगत कराया है। पीएम से इसके लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। पवार ने अपने इस ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) को टैग किया है।
चीनी के मांग में गिरावट के मुख्य कारण होटल, मिठाई की दुकानों और रेस्तरां का बंद होना माना जा रहा है।
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तु क्या कर रहा है !
तेरे जेब मेसे पैसे निकाल के बांट | तु कोई उतना गरिब कंगाल तो नही|