भारत में एथेनॉल उत्पादन के लिए अनाज प्रमुख फीडस्टॉक्स में से एक के रूप में उभरा है, और जैव ईंधन उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है।
मंत्री के अनुसार, उम्मीद है कि वर्तमान ESY 2024-25 में अनाज से एथेनॉल उत्पादन का हिस्सा 60% से अधिक हो सकता है।
लोकसभा में अतारांकित प्रश्न के उत्तर में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमूबेन जयंतीभाई बंभानिया ने कहा की राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 के तहत सरकार पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथेनॉल के उत्पादन के लिए गन्ना, मक्का, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न, मीठी ज्वार, चुकंदर आदि जैसे विभिन्न फीडस्टॉक की अनुमति देती है। एथेनॉल के उत्पादन के लिए सरकार द्वारा मक्का को बढ़ावा देने के कारण, मक्का तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को आपूर्ति किए जाने वाले एथेनॉल का प्रमुख योगदानकर्ता रहा है। इसके अलावा, यह उम्मीद की जाती है कि मौजूदा ईएसवाई 2024-25 में अनाज से एथेनॉल उत्पादन का हिस्सा 60% से अधिक हो सकता है। इसके अलावा, सरकार एथेनॉल उत्पादन के लिए एफसीआई चावल की बिक्री की अनुमति देती है जब भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास अतिरिक्त चावल उपलब्ध होता है।
उन्होंने आगे कहा, की कार्यक्रम के तहत, केंद्र सरकार ने ईबीपी कार्यक्रम के तहत एथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के फीडस्टॉक से एथेनॉल का उत्पादन; 2018-22 के दौरान विभिन्न एथेनॉल ब्याज सहायता योजनाओं का कार्यान्वयन; सहकारी चीनी मिलों के लिए 06.03.2025 को उनके मौजूदा गन्ना आधारित संयंत्रों को बहु-फीड आधारित एथेनॉल संयंत्रों में परिवर्तित करने के लिए एक नई योजना अधिसूचित; ओएमसी को आपूर्ति के लिए विभिन्न फीड-स्टॉक से उत्पादित एथेनॉल के लाभकारी मूल्यों का निर्धारण; ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल पर माल और सेवा कर (जीएसटी) में 18% से 5% की कटौती; पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिश्रित (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत एथेनॉल उत्पादन के लिए प्रमुख फीडस्टॉक के रूप में मक्का को बढ़ावा देना; ओएमसी द्वारा समर्पित एथेनॉल संयंत्रों (डीईपी) आदि के साथ दीर्घकालिक ऑफटेक समझौते (एलटीओए)।
सरकार ने ESY 2025-26 तक 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है और जल्द ही इसे हासिल कर लिया जाएगा।