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हरियाणा के गन्ना आयुक्त, अजीत बालाजी जोशी, ने गन्ना बकाया भुगतान में देरी को लेकर एमडी, पिकाडिली चीनी मिल, को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस में यह पूछा गया है कि ब्याज के साथ बकाया राशि वसूलने के लिए चीनी मिल के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
20 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने में विफल रहने पर मिल को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
30 मई, 2019 तक, गन्ना किसानों पर चीनी मिल का 85.42 करोड़ रुपये बकाया है।
इससे पहले, किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 4 जून को कृषि मंत्री ओपी धनखड़ और गन्ना आयुक्त से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे गन्ना किसानों को बकाया दिलाने में मदद करे।
गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के अनुसार, आपूर्ति के 14 दिनों की भीतर गन्ना कीमत का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए, इसमें विफल होने पर, मिलों को कुल राशि पर 15 फीसद का ब्याज भी अदा करना पड़ता है।
चीनी मिले दावा कर रही है की चालू चीनी सीजन के दौरान चीनी के अधिशेष उत्पादन से चीनी की कीमतों में गिरावट आई है और इसके बाद वे गन्ने के बकाया का भुगतान करने के लिए पैसे जमा करने में विफल रहे है।