नई दिल्ली: CNBC-TV18 पर एक साक्षात्कार में, श्री रेणुका शुगर्स के कार्यकारी अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि, भले ही कच्चे तेल की कीमतें नीचे जाती है, एथेनॉल की मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। देश में एथेनॉल अभी भी ईंधन की तुलना में अधिक किफायती है, और श्री रेणुका शुगर्स ने अपनी एथेनॉल क्षमता को 520 केएलपीडी से बढ़ाकर 1,250 केएलपीडी कर दिया है।
चतुर्वेदी ने कहा, भारत 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार इस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रही है। एथेनॉल राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा, और एथेनॉल क्षमता विस्तार का पूरा लाभ FY24 में मिलेगा। उन्होंने कहा, पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष के दौरान हमारा एथेनॉल उत्पादन 25 से 30 प्रतिशत अधिक है। एथेनॉल निश्चित रूप से हमारे राजस्व को बढ़ाने में मदद कर रहा है और यह हमें सीजन के दौरान अतिरिक्त चीनी से छुटकारा पाने में भी मदद कर रहा है,जिससे हमारे नकदी प्रवाह में सुधार हुआ है। उन्होंने आगे कहा की, आगे भी एथेनॉल हमारा फोकस क्षेत्र बना रहेगा।चीनी निर्यात राजस्व साल-दर-साल आधार पर 40-50 प्रतिशत बढ़ रहा है।
चतुर्वेदी ने भविष्यवाणी की कि चीनी का उत्पादन 33 मिलियन टन होने की संभावना है, और निर्यात 6 मिलियन टन होगा। FY 23 EBITDA मार्जिन 40 प्रतिशत से अधिक की राजस्व वृद्धि के साथ काफी बेहतर है। एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देकर सरकार न केवल कच्चे तेल के आयात पर भारत की निर्भरता को कम कर रही है, बल्कि चीनी उद्योग के लिए राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत भी प्रदान कर रही है।