नई दिल्ली : सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने परिवहन में एथेनॉल के उच्च मिश्रणों के उपयोग पर अमेरिका के अनुभव पर पहली मास्टर क्लास की मेजबानी की थी। इस मास्टर क्लास का संचालन ब्रायन एच. वेस्ट, अकादमिक शोधकर्ता, ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी (ओआरएनएल) द्वारा किया गया था। इस क्लास में एथेनॉल मिश्रण का ग्राहक अनुभव, वाहन के प्रदर्शन, योग्यता का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और अन्य हितधारक संघों की भागीदारी देखी गई।यह सत्र भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई), भारत सरकार के बैनर तले संचालित किया गया था। सियाम का कहना है कि, भारत के एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम की सरकार के उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और प्रधानमंत्री कार्यालय 2025 के ई-20 लक्ष्य की दिशा में प्रगति की सीधे निगरानी कर रहा है।सियाम के कार्यकारी निदेशक प्रशांत के बनर्जी ने कहा, भारत गतिशीलता के डीकार्बोनाइजेशन में नई प्राथमिकताओं को अपनाता है, और एथेनॉल ने देश की परिवहन डीकार्बोनाइजेशन पहल में एक प्रमुख स्थान पाया है।
एलेजांद्रा डेनियलसन कैस्टिलो, रीजनल डायरेक्टर- साउथ एशिया, यूएस ग्रेन्स काउंसिल ने कहा, हम यूएसए और भारत के बीच एक स्वाभाविक सहयोग की उम्मीद करते हैं। हमारा लक्ष्य सही तकनीकी विशेषज्ञता और उपकरण प्रदान करना है, और भारत को अपनी एथेनॉल योजनाओं के साथ आगे बढ़ने में सहायता करने के लिए संगठनों के साथ साझेदारी करना है। भारत अपने एथेनॉल रोडमैप के साथ आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहा है और ई-20 कार्यक्रम की ओर अपनी यात्रा की ओर बढ़ रहा है। कैस्टिलो ने एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम, वाहन वास्तविक जीवन परीक्षण, सामग्री परीक्षण, सम्मिश्रण के लाभ और अमेरिका द्वारा इथेनॉल की यात्रा में सामना की जाने वाली चुनौतियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।