सोलापुर: सिद्धेश्वर सहकारी चीनी मिल की चिमनी विमान के आवागमन में बाधा डाल रहा है। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि, मिल को अगले साठ दिनों के भीतर चिमनी को ध्वस्त कर देना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए मिल को साठ दिन की मोहलत दी गई हैं।
यह फैसला न्या.अजय खानविलकर और न्या. डी. ए. माहेश्वरी की पीठ ने सुनाया। इस मामले में, राज्य सरकार की ओर से अॅड. निशांत कटनेश्वरकर, डीजीसीए की ओर से पी.एस.नरसिंह और मिल द्वारा व्ही. गिरि ने कोर्ट में तर्क दिया। ‘डीजीसीए’ ने कहा था कि, सिद्धेशर मिल की चिमनी को ध्वस्त किया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए बाधा होगी। बाद में, सोलापुर जिला कलेक्टर ने भी मिल को नोटिस भेज दिया। हालांकि, मिल प्रशासन ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि, ऐसा नोटिस जारी करना कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। हाईकोर्ट ने भी मिल को चिमनी को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय के फैसले को मिल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी उच्च न्यायालय का फैसला सही ठहराते हुए, दो महीने के भीतर चिमनी को ध्वस्त करने का फैसला सुनाया।
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