कोयला मंत्रालय ने फरवरी 2024 के दौरान कोयले के कुल उत्पादन में भारी वृद्धि अर्जित की है। इस महीने में कोयले का कुल उत्पादन 96.60 मिलियन टन (एमटी) (अनंतिम) हुआ, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में हुए 86.38 मिलियन टन उत्पादन की तुलना में 11.83 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन फरवरी 2024 में 8.69 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 74.76 मिलियन टन (अनंतिम) हुआ है, जबकि फरवरी 2023 में यह 68.78 मिलियन टन था। वित्त वर्ष 23-24 में संचयी कोयला उत्पादन (फरवरी 2024 तक) 880.72 मिलियन टन (अनंतिम) हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि के दौरान 785.39 मिलियन टन हुआ उत्पादन था। इस प्रकार यह 12.14 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, फरवरी 2024 में कोयला प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो बढकर 84.78 मिलियन टन (अनंतिम) तक पहुंच गया, जबकि फरवरी 2023 में यह 74.61 मिलियन टन रहा था। इस प्रकार यह 13.63 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। इसी दौरान, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कोयले के प्रेषण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और फरवरी 2024 में 65.3 मिलियन टन (अनंतिम) प्रेषण किया गया, जबकि फरवरी 2023 में 58.28 मिलियन टन कोयले का प्रेषण हुआ था। इस प्रकार इसमें 12.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में संचयी कोयला प्रेषण (फरवरी 2024 तक) बढ़कर 882.44 मिलियन टन (अनंतिम) तक हुआ, जो वित्त वर्ष 2022-23 में इसी अवधि के दौरान हुई 794.41 मिलियन टन के प्रेषण की तुलना में 11.08 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
ये उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए स्थिर कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने में सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों को रेखांकित करती हैं। चूँकि राष्ट्र आत्मनिर्भरता और सतत विकास के दृष्टिकोण का अनुपालन कर रहा है, इसलिए कोयला उद्योग विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के प्रति अपने समर्पण में मजबूती से खड़ा़ है।
(Source: PIB)