नई दिल्ली: स्काईमेट वेदर सर्विसेज (Skymet Weather Forecast) के अनुसार, भारत का मानसून इस साल सामान्य रहने की संभावना है। जून से सितंबर तक भारत की कुल वार्षिक वर्षा का 90% तक होता है और गेहूं, चावल और गन्ने जैसी प्रमुख फसलों की पैदावार निर्धारित करता है। मानसून को तब सामान्य माना जाता है, जब संचयी बारिश लंबी अवधि के औसत के 96% और 104% के बीच होती है।
भारत पहले से ही उच्च खाद्य कीमतों के दबाव को महसूस कर रहा है, जब वैश्विक खाद्य मुद्रास्फीति एक दशक के उच्चतम स्तर पर है। एक सामान्य मानसून देश में फसल उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगा, जहां लगभग 60% आबादी कृषि पर निर्भर है। स्काईमेट ने कहा, यह सामान्य मानसून वर्षों में से एक हो सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग आमतौर पर अप्रैल में अपना पूर्वानुमान जारी करता है।
उन्होंने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर कहा, “2020 और 2021 के दौरान लगातार ला नीना देखने के बाद, सांख्यिकीय रूप से एक और प्रकरण की संभावना से इनकार किया गया है।”