मुंबई: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण भारत को गन्ना फसल कटाई में देरी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि फसल कटाई के लिए आवश्यक लाखों प्रवासी श्रमिक कोरोनो वायरस के चलते यात्रा करने से परहेज़ कर सकते है। भारत में चीनी की कटाई अक्टूबर में शुरू होती है। देश का चीनी उद्योग अभी भी पूरी तरह से यंत्रीकृत नहीं है। गन्ना काटने के लिए अब भी चीनी मिलें प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर हैं। 3.7 मिलियन कोरोनोवायरस संक्रमणों के मामले में भारत दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा बनकर उभरा है। अब चीनी मिलों को यह डर सता रहा है कि, कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ो के चलते गन्ना श्रमिक कहीं मुह न फेर ले। पेराई में देरी से भारतीय मिलों में चीनी का उत्पादन धीरे-धीरे हो सकता।
रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी.बी. थोंबरे ने कहा, कई चीजें इस बात पर निर्भर करती हैं कि स्थानीय स्तर पर कितना काम उपलब्ध है और अक्टूबर में कोरोना वायरस का प्रसार कितना होता है।
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