महाराष्ट्र में चीनी मिलों के बंद होने के साथ वर्त्तमान सीजन अपने अंतिम चरण में पहुंच चूका है। इसी के साथ राज्य में 1000 लाख क्विंटल (100 लाख टन) का आकड़ा पार हो चूका है।
महाराष्ट्र के चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक, 06 मार्च 2022 तक राज्य में 2 चीनी मिलों ने पेराई सत्र बंद कर दिया है। फिलहाल कोल्हापुर विभाग से दो चीनी मिल बंद हुई है।
चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक, सीजन 2021-22 में 06 मार्च, 2022 तक महाराष्ट्र में कुल मिलाकर 197 चीनी मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया। जिसमे 98 सहकारी एवं 99 निजी चीनी मिलें शामिल है, और 990.74 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है। राज्य में अब तक 1020.71 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। राज्य में फ़िलहाल औसत चीनी रिकवरी 10.30 प्रतिशत है।
राज्य में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन कोल्हापुर विभाग में हुआ है। चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक, सीजन 2021-22 में 06 मार्च, 2022 तक कोल्हापुर में 229.14 लाख टन गन्ना पेराई कर 268.02 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन हुआ है। राज्य में सबसे ज्यादा चीनी रिकवरी भी कोल्हापुर विभाग में है। यहाँ पे चीनी रिकवरी 11.70 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में चीनी रिकवरी हमेशा से सबसे ज्यादा कोल्हापुर विभाग में रहा है।
राज्य में सबसे ज्यादा चीनी मिलें सोलापुर विभाग में परिचालन में है। सोलापुर में सबसे ज्यादा 46 चीनी मिलों में पेराई शुरू है। यहाँ 06 मार्च, 2022 तक 232.98 लाख टन गन्ना पेराई कर 216.83 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन किया गया है।