जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीकी गन्ना उत्पादक संघ (SA Canegrowers) ने कहा, दक्षिण अफ्रीका के चीनी उद्योग में प्रति वर्ष 433 मिलियन लीटर विमानन ईंधन का उत्पादन करने की क्षमता है। SA Canegrowers के अध्यक्ष रेक्स टैल्मेज ने कहा कि,हर साल गन्ना किसानों द्वारा उत्पादित 19 मिलियन टन गन्ने के 50 प्रतिशत को इथेनॉल उत्पादन की ओर मोड़कर, स्थानीय या अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन बाजारों के लिए सालाना लगभग 700 मिलियन लीटर लो कार्बन इथेनॉल का उत्पादन कर सकता है। इसके बाद इथेनॉल को स्थानीय रिफाइनरियों द्वारा विमानन उद्योग के लिए 433 मिलियन लीटर सस्टेनेबल विमानन ईंधन (SAF) में परिवर्तित किया जा सकता है।
टैल्मेज ने कहा, तरल ईंधन से विमानन क्षेत्र को 2021 तक कार्बन-न्यूट्रल विकास के अपने डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को पूरा करने और 2005 की तुलना में 2050 तक इसके उत्सर्जन को आधा करने में मदद मिलेगी। SA Canegrowers के प्रवक्ता थाबी नधलोवु ने कहा, “सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल प्रोडक्शन के लिए फीडस्टॉक के रूप में दक्षिण अफ्रीकी गन्ने की व्यवहार्यता शीर्षक से उनके अध्ययन ने गन्ना क्षेत्र के विविधीकरण में क्षमता दिखाई। शोध अध्ययन में यह भी बताया गया है कि, इथेनॉल के उत्पादन में गन्ने के सफल विविधीकरण को सक्षम करने के लिए क्या आवश्यक है। अध्ययन में सक्षम नियामक ढांचा बनाना, उचित प्रभाव आकलन करना और कृषि स्तर पर आंतरिक प्रशासनिक सहायता सुनिश्चित करना शामिल है। चीनी उद्योग स्थानीय स्तर पर अपने उत्पादन के लिए बाजार में मंदी का सामना कर रहे हैं और उन्हें घाटे में चल रहे निर्यात बाजारों का सहारा लेना पड़ा। उत्पादन में विविधीकरण से चीनी उद्योग को बाजारों की सभी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।