कोटा: लोकसभा स्पीकर और कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला ने रविवार को गांवों में लघु उद्योग के माध्यम से स्वरोजगार के सृजन पर जोर दिया। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि हमें महात्मा गांधी के सपनों को वास्तविकता में बदलें। उनकी विचारधारा और सपनों को साकार करें। उन्होंने एक समारोह में किसानों से कहा कि देश में सफेद क्रांति की तरह अब शहद क्रांति शुरू हो रही है। उन्होंने दावा किया कि इसका व्यापक असर 2-3 साल बाद दिखाई देगा और शहद जल्द ही चीनी का एक महत्वपूर्ण विकल्प होगा। उन्होंने किसानों से श्वेत क्रांति के साथ शहद क्रांति को आगे बढ़ाने की अपील की। बिरला ने कहा कि आज किसानों को कई प्रयोगों की आवश्यकता है और उन्हें अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए खेती के साथ कई गुना काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की विचारधारा और सपनों को साकार करके परिवर्तन लाया जा सकता है। बिरला ने कहा कि गांवों में खादी ग्रामोदय आयोग की स्थापना करके लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के प्रयासों को जोड़ा जाना सराहनीय प्रयास है।
प्लास्टिक के उपयोग पर बिरला ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें इसे त्याग देना चाहिए और पर्यावरण के अनुकूल चीजों को इस्तेमाल में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोटा सहित राजस्थान के सभी रेलवे स्टेशनों में मिट्टी के घड़ों की बिक्री की जाएगी तथा मिट्टी के बर्तनों को बनाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
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