लखनऊ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में गन्ना किसान अचानक हरकत में आ गये है, क्योंकि उनकी गन्ना फसल पर ‘पोक्खा बोइंग’ का हमला हुआ है। इस कीट से आँखों के सामने किसान अपनी फसल बर्बाद होते देख रहे है। इस रोग के कारण गन्ना विभाग के साथ साथ किसान भी सतर्क हो गए है। इसे रोग को काबू करने के लिए किसानों को फफूंद नाशकों की जरूरत है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, मेरठ में गन्ने का उत्पादन राष्ट्रीय औसत पैदावार से अधिक पहुंच चुका है। पेराई सत्र 2022-23 में भी मंडल में करीब 40 लाख क्विंटल अधिक गन्ने की पेराई हुई है। मगर पोक्का बोइंग से मंडल में हजारों हेक्टेयर गन्ना प्रभावित हो रहा है। आरबीएनएस शुगर मिल लक्सर के महाप्रबंधक गन्ना डॉ. बीएस तोमर के अनुसार, चोटी बेधक और पोक्का बोइंग रोग के लक्षण एक जैसे होते हैं। दोनों रोगों में पत्तियां उलझी दिखाई देती है। किसान इस भ्रम में कीटनाशकों से उपचार करने लगते हैं, जबकि पोक्का बोइंग रोग में फफूंदी नाशक की जरूरत होती है।