काठमांडु: नेपाल में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान न करने वाली कुछ विवादित चीनी मिलों में एक श्रीराम चीनी मिल एक बार फिर से बंद कर दी गई है। सरकार के दबाव में दो हफ्ते पहले ही इस मिल में परिचालन शुरू किया गया था।
श्रीराम चीनी मिल पर गन्ना किसानों का 25 करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान करने से बचने के लिए मिल मालिकों ने इसे बंद कर दिया था। किसानों के आंदोलन करने के बाद नेपाल सरकार ने इसे फिर से चालू करने को कहा। मिल ने बीते 12 फरवरी को फिर से अपना परिचालन शुरू किया, लेकिन दो हफ्ते में 3,800 टन गन्ने की पेराई करने के बाद ही इसे कच्चे माल की कमी का रोना रोते हुए फिर से बंद कर दिया गया।
इस साल भारी नुकसान का रोना रोते हुए मिल प्रबंधन ने अपने एक वरिष्ठ कर्मचारी के हवाले से कहा है कि मिल पूरी तरह नहीं, आंशिक रूप से बंद की गई है। मिल का संचालन कटाई सीजन में शुरू नहीं होने के कारण पर्याप्त चीनी उत्पादन नहीं होगा जिससे मिल को बहुत नुकसान होगा। यह मिल बारा, परसा और रौतहट के किसानों से गन्ना खरीदती है। गढ़ीमई, संग्रामपुर के किसानों ने बताया कि श्रीराम मिल बंद कर दिए जाने के बाद उन्होंने अपनी फसल सरलाही की एक मिल को बेच दी, जहां अच्छी कीमत भी मिली।
बता दें कि चीनी मिलों द्वारा कई सालों से करोड़ों रुपए का बकाया भुगतान नहीं किए जाने विरोध में तराई के कई जिलों के किसानों ने बीते दिसंबर में राजधानी काठमांडू पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद ही सरकार हरकत में आई थी। सरकार और किसानों के दबाव के बाद श्रीराम मिल ने संचालन फिर से शुरू किया था। इस मिल में एक सीजन में 250,000 टन गन्ना पेराई करने की क्षमता है।
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