कोल्हापुर : स्वाभिमानी शेतकरी संघठन पिछले सीजन के गन्ने के लिए प्रति टन अतिरिक्त 100 रुपये की मांग को लेकर आक्रामक हो गया था। इस संबंध में, राजू शेट्टी द्वारा बड़ा आंदोलन शुरू करने और पुणे-बैंगलोर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने के बाद, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वाभिमानी शेतकरी संघठन और चीनी मिलों के बीच मध्यस्थता की। लेकिन शेटी का कहना है की मिलों ने अभी तक भुगतान नही किया है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने चेतावनी दी है कि, राज्य सरकार को बकाया गन्ना मूल्य के तुरंत भुगतान के लिए कदम उठाना चाहिए।
पिछले दो से तीन वर्षों में चीनी की कीमत अच्छी रही है, इसलिए राजू शेट्टी ने इस साल के गन्ना सीजन की शुरुआत से पहले पिछले सीजन के गन्ने के लिए एफआरपी से अधिक कीमत की मांग की थी। इससे पश्चिमी महाराष्ट्र में गन्ना आन्दोलन की भभक भड़क उठी। इस दौरान राजू शेट्टी ने चेतावनी दी थी कि, जब तक मांग नहीं मानी जाएगी तब तक सीजन शुरू नहीं होने दिया जाएगा।
अभिभावक मंत्री हसन मुश्रीफ ने मध्यस्थता की और किसान संगठनों और चीनी मिल मालिकों के बीच कई बैठकें कीं। चूंकि वे बैठकें बेनतीजा रही। 23 नवंबर 2023 को स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने शिरोली पुल पर चक्का जाम का आयोजन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और लिखित प्रस्ताव दिया कि पिछले साल टूटे गन्ने के बकाया बिल के लिए 100 रुपये का भुगतान किया जाए और जिन चीनी मिलों ने 3,000 रुपये से अधिक का भुगतान किया है, वह 50 रुपये का भुगतान करे। इस फैसले के बाद स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने विरोध वापस ले लिया था।