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नई दिल्ली: रिकॉर्ड चीनी उत्पादन, घरेलू और आंतरराष्ट्रिय बाजार में कीमतों में हुई गिरावट और ठप हुई निर्यात के कारण चीनी उद्योग बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। साथ ही साथ बकाया गन्ना भुगतान भी चीनी मिलों का परेशान कर रहा है। इसी बीच अब सरकार भी चीनी मिलों पर सख्ती दिखाते हुए नजर आ रही है।
केंद्र ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकारों को चीनी मिलों के मालिकों को सलाखों के पीछे पहुंचाने की शक्तियां दी गई हैं, अगर वे किसानों का गन्ना बकाया देने में नाकाम रहे।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में कहा कि 2017-18 में किसानों का बकाया 85,179 करोड़ रुपये था और यह गन्ने के सीजन के अंत तक घटकर 303 करोड़ रुपये पर आ गया।
“मौजूदा सीज़न में, 85,355 करोड़ रुपये का बकाया था, जिसमें से 67,706 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि साल के अंत तक, अधिकांश बकाया चुकाया जाए।”
पासवान ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “अगर ऐसा नहीं होता है, तो राज्य सरकारों के पास मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने की पूरी शक्ति है।”