लखनऊ : राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयास में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023’ शुरू की है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि, इस योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए सभी प्रकार की सब्सिडी और अन्य सुविधाएं दी जाएगी।
सीएम योगी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान कर रही है जिसमें सब्सिडी, ब्याज सबवेंशन और ट्रांसपोर्ट सब्सिडी शामिल है। इसे चार भागों में बांटा गया है, पहला है परियोजनाओं का अनुदान, दूसरा है ब्याज अनुदान, तीसरा है परिवहन अनुदान और चौथा है प्रमुख प्रोत्साहन अनुदान शामिल है।
नई ‘खाद्य प्रसंस्करण नीति-2023’ के तहत योगी सरकार नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर परियोजना लागत का 35 प्रतिशत (संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी सिविल कार्य पर) या अधिकतम 5 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है।इसके अलावा, परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपये विस्तार, आधुनिकीकरण और इकाइयों के उन्नयन के लिए दिया जा रहा है।वहीं इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्राथमिक उपकरण, प्लांट मशीनरी और 50 फ्रोजन इरेडिएशन सुविधाएं) के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
इसी प्रकार कलेक्शन सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, ड्राई वेयरहाउस, मोबाइल प्री-कूलिंग यूनिट, रीफर ट्रक, आईक्यूएफ सुविधा वितरण केंद्र और बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के तहत खुदरा दुकानों पर प्राथमिकता प्रसंस्करण केंद्र के विकास के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, कृषि प्रोत्साहन श्रृंखला विकास अध्ययन के लिए परियोजना लागत का अधिकतम 5 करोड़ रुपये, परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपये विकेन्द्रीकृत उपार्जन भंडारण एवं प्रसंस्करण के निर्माण पर दिया जा रहा है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश आकर्षित करने के लिए योगी सरकार निवेशकों को ब्याज सब्सिडी दे रही है। मोबाइल प्री कूलिंग यूनिट रेफर वैन के ऋण पर अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए 50 लाख रुपये का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।बयान में आगे कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण इकाई से निर्यातक देश को परिवहन लागत पर 25 प्रतिशत परिवहन सब्सिडी दी जाएगी। प्रमुख प्रोत्साहन के तहत गैर कृषि उपयोग की घोषणा पर शुल्क में 2 प्रतिशत की छूट, शासकीय भूमि के विनिमय पर सर्किल रेट पर 25 प्रतिशत, भूमि उपयोग परिवर्तन पर परिवर्तन शुल्क पर 50 प्रतिशत, बाह्य विकास शुल्क पर 75 प्रतिशत की छूट, साथ ही भूमि क्रय पर स्टाम्प शुल्क की प्रतिपूर्ति, प्रसंस्करण हेतु क्रय किये गये कच्चे माल पर बाजार शुल्क में छूट, बाजार शुल्क में छूट एवं किसानों से सीधे प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा क्रय किये गये कृषि उत्पाद पर उपकर की छूट दी जा रही है।