कोल्हापुर: चीनी मंडी
आर्थिक तरलता की समस्या से परेशान चीनी उद्योग के लिए अतिरिक्त राजस्व का विकल्प बनकर उभरा है इथेनॉल। चीनी अधिशेष को कम करते हुए, आने वाले वर्षों में इथेनॉल उत्पादन क्षमता और अधिक बढने की संभावना है। इसके अलावा, मिलों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने, चीनी की कीमतों को मजबूत करने और केंद्र सरकार के 2030 तक पेट्रोल के साथ 20% इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए यह मददगार साबित हो सकता है।इसके चलते कई मिलों ने इथेनॉल क्षमताओं का विस्तार करने के लिए आगे कदम बढ़ाया है।
इस बार, चीनी मिलों ने चीनी से जादा इथेनॉल उत्पादन पर भरोसा किया है और ‘इथेनॉल निति’ चीनी उद्योग के लिए अमृत साबित होती है, की नही इस पर निगाहे टीकी है। KDAM & Associates, ने 8 फरवरी 2020 को कोल्हापुर के होटल सयाजी में महाराष्ट्र के चीनी उद्योग के सभी हितधारकों के लिए एक राज्य स्तरीय संगोष्ठी ‘साखर क्रांति 2020’ का आयोजन किया है। इस संगोष्ठी में कई विशेषज्ञ इथेनॉल निर्माण और भविष्य की रणनीति के लाभों पर प्रकाश डालेंगे।
ChiniMandi.com के साथ बातचीत में, KDAM & Associates के पार्टनर श्री अशीष देशमुख ने कार्यक्रम के आयोजन पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, “जीएसटी एक्ट के नियम 42/43 की उचित समझ से चीनी मिलों की कार्यशील पूंजी में पर्याप्त बचत होगी। जीएसटी एक्ट और जीएसटी ऑडिट के नियम 42/43 पर जीएसटी एक्सपर्ट- सीएमए महिंद्रा भोम्बे का एक अलग सत्र होगा। बुजी शुगर ( मोजाम्बिक, अफ्रीका) के निदेशक श्री जयदीप, द्वारा ‘कार्यशील पूंजी प्रबंधन’ पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने कहा कि, इस संगोष्ठी में प्रख्यात वक्ताओं द्वारा चीनी उद्योग में ग्लोबल ट्रेंड, ऑटोमेशन आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन महाराष्ट्र राज्य के सहकारिता और विपणन मंत्री बालासाहेब पाटिल और चीनी आयुक्त श्री सौरभ राव के हाथों किया जाना है। यह संगोष्ठी महाराष्ट्र के चीनी उद्योग के एमडी, मुख्य लेखाकार, डिस्टिलरी प्रबंधक, इंजीनियरिंग प्रमुख, विशेषज्ञों आदि के लिए खुला है।
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