कंपाला: बैंक ऑफ यूगांडा के आंकड़ों के अनुसार, चीनी निर्यात में पिछले तीन वर्षों में लगातर हो रही गिरावट के चलते आय में 35 प्रतिशत की कमी आई है।घरेलू चीनी उद्योग को बचाने के लिए केन्या और तंजानिया ने युगांडा की चीनी पर अलग-अलग अवरोधक लगाए हैं। उनका दावा हैं कि, डीलर अपने बाजारों में सस्ती चीनी का आयात करते है, और फिर से निर्यात कर रहे थे। पडोसी देशों द्वारा चीनी आयात पर लगे प्रतिबन्ध के कारण युगांडा की 100,000 और 130,000 टन के बीच चीनी निर्यात नही हो पाई है। बैंक ऑफ युगांडा के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2020 को समाप्त वर्ष के लिए संचयी निर्यात $ 83.39m (Shs308b) तक गिर गया, जो कि नवंबर 2018 की $ 95.3m (Shs352b) की तुलना में काफी कम था।
केन्या, रवांडा और तंजानिया ने पिछले तीन वर्षों में अपने बाजारों में युगांडा की चीनी को सिमित दायरे में प्रवेश दिया है। नतीजन, युगांडा की आय में भरी गिरावट देखि जा रही है। सप्ताह की शुरुआत में, केन्या ने कहा कि वह कम से कम 90,000 मीट्रिक टन युगांडा की चीनी को अपने बाजार में प्रवेश करने की अनुमति देगा, लेकिन अब उन्होंने यू टर्न ले लिया है। युगांडा शुगर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जिम काबेहो ने बताया कि केन्या ने 90,000 चीनी आयात के लिए कोई परमिट जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 2019 में केन्या ने युगांडा के चीनी निर्यातकों के लिए परमिट जारी करने का वादा किया था, लेकिन कभी भी कुछ भी नहीं आया है।