मुंबई, 18 जनवरी (PTI) महाराष्ट्र में चीनी कारखानों के लिए गन्ना मूल्य तय करने की प्रक्रिया को राजस्व साझेदारी फॉर्मूला (आरएसएफ) के अनुसार सुव्यवस्थित करने के लिए कहा गया। प्रदेश में गन्ना पेराई का काम पूरा हो चुका है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में शुक्रवार को बताया गया कि यह निर्देश मुख्य सचिव डी. के. जैन द्वारा गन्ना मूल्य नियामक बोर्ड की किसानों के प्रतिनिधियों और गन्ना सहकारी कंपनियों की बैठक के दौरान दिए गए।
इसमें कहा गया कि बैठक में 2017-18 के लिए गन्ना मूल्य को मंजूरी दी गई जिसे आरएसएफ के अनुरूप निर्धारित किया गया है।
प्रदेश के 181 चीनी इकाइयों में से 157 की कीमतें आरएसएफ के अनुरूप निर्धारित की गईं और इनमें से 17 कारखानों ने किसानों को उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफपीआर) के मुकाबले अधिक आरएसएफ धन दिया है।
उन्होंने कहा बोर्ड की बैठक में 140 चीनी फैक्टरियों की दरों को भी मंजूरी दी गई जिनकी आरएसएफ दर एफआरपी से कम थी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जैन ने कीमतों को निर्धारित करने की प्रक्रिया को आरएसएफ के अनुरूप सुव्यवस्थित करने के लिए कहा है। किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि कुछ कारखाने गन्ना पेराई और परिवहन के लिए अधिक व्यय दिखाते हैं। जवाब में, जैन ने चीनी आयुक्तालय से दरों की जाँच करने को कहा है।
किसान प्रतिनिधियों ने भी मांग की कि चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाकर 34 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाए। इस वर्ष 185 चीनी कारखानों ने 426.84 लाख टन गन्ना की पेराई की। गन्ने की पेराई के लिए कुल उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) राशि 10,487 करोड़ रुपये है।
इसमें से 5,166 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं जबकि 174 चीनी मिलों का 5,320 करोड़ रुपये बकाया है। ग्यारह चीनी कारखानों ने एफआरपी के अनुसार किसानों को 100 प्रतिशत कीमत की अदायगी कर दी है।
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