चंडीगढ़, 12 फरवरी: हरियाणा की नई सरकार गन्ना किसानों के कल्याण के लिए गंभीरता से काम कर रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार गन्ना किसानो के कल्याण और विकास के लिए कृत संकल्पित है। खट्टर ने कहा कि किसानों की आमदनी को दो गुना करने के लिए जरूरी है कि गन्ना और चीनी उद्योग का समान्तर विकास हो। चंडीगढ में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गन्ना पराई सत्र में किसानों को चीनी मिलें समय पर उनका गन्ना बकाया चुकाये इसके लिए मिलों को शासन की तरफ से सख्त निर्दश दिए गए है। 15 दिन में किसानों का बकाया नहीं देने वाली चीनी मिलों को खिलाफ सख्त कार्यवाही के शासनादेश जारी किए गए है। चीनी मिलों में आने पर किसानों को पर्ची निगमन की व्यवस्था के साथ किसान विश्राम ग्रह में ठहरने जैसी कई तरह की सुविधाएं दी जा रही है। किसान भी खेत से साफ करके गन्ना लेकर आए ताकि नापतौल सही हो सके गन्ना पैराई सत्र में पारदर्शी काम हो इसके लिए सभी चीनी मिलों में मानव रहित नापतौल प्रणाली लगाई गयी है। गन्ना खरीद के लिए सभी जिलों में ग्राम स्तर पर जहां गन्ना क्रय केन्द्र बनाये गए है वहीं गन्ना मूल्य अदायगी के लिए समस्त भुगतान बैंकों के माध्यम से ऑनलाइन सुविधा दी जा रही है।
चीनी मिलों को सुविधाएं देने के मसले हरियाणा फैडरेशन ऑफ कॉपरेटिव शुगर मिल के चेयरमैन सरदार हरपाल सिंह चीका ने कहा कि गन्ना किसानों का कल्याण हो और चीनी मिलों का विकास हो इसके लिए सरकार काम कर रही है। किसानों को निशुल्क पर्ची की सुविधा दी जा रही है। सभी पंजीकृत किसानों के नम्बर पर एसएमएस के जरिए गन्ना मूल्य बकाया चुकाने से जुड़ी सभी जानकारियां भेजी जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को गन्ना पैराई सत्र में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो और किसानों को मिलों के दरवाजे पर भटकना न पड़े, इसके लिए जिला स्तर पर गन्ना विकास अधिकारियों की देखरेख में टीमें गठित की गयी है जो समय समय पर मिलों में जाकर सुविधाओं का जायजा ले रही है। चीका ने कहा कि गन्ना किसानो की समस्याओं का त्वरित समाधान हो, उनको उनके उत्पाद का वाजिब दाम मिले और उनकी आमदनी दो गुना हो इसके लिए सरकार पूरी तरह से कृत संकल्पित है।