लखनऊ, 11 नवम्बर, 2022: प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों द्वारा गन्ना बुवाई हेतु ’’बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उपसमिति’’ द्वारा उ.प्र. हेतु गन्ना किस्में अधिसूचित करने की व्यवस्था है। अन्य प्रदेशों से लायी गयी वे किस्में जो उ.प्र में सक्षम समिति द्वारा स्वीकृत नहीं हैं और जिनका परीक्षण उ.प्र. के शोध संस्थानों में नहीं हुआ है उनका उत्पादन वर्जित है।
उन्होनें बताया कि ऐसी किस्मों के उत्पादन में कीट एवं बीमारियों के प्रकोप की संभावना प्रबल रहती है जिससे उ.प्र. में स्वीकृत किस्मों में भी उन बीमारियों के संक्रमण की संभावना बन जाती है। इस वर्ष अगस्त माह में गन्ने की दो नवीन किस्में प्रदेश हेतु स्वीकृत की गयी हैं जिनमें को.शा. 17231 अगेती किस्म है तथा यूपी. 14234 ऊसर भूमि के लिये स्वीकृत की गयी है, जिनका बीज वितरण अभी शुरू नहीं हुआ है, किन्तु, संज्ञान में आया है कि इन नवीन किस्मों के नाम पर तथाकथित बीज माफियाओं द्वारा उच्च दर पर छदमपूर्वक अन्य किस्में देकर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है तथा मनमाना मूल्य लिया जा रहा है। इसी प्रकार पाईपलाइन में लगी गन्ना किस्में यथा को.लख.15201 ,को.लख. 16201 व अन्य किस्में जो प्रदेश के लिए अभी अंगीकृत नहीं हुई हैं, के नाम पर भी अन्य किस्मों का विक्रय किया जा रहा है जो गैरकानूनी हैं।
श्री भूसरेड्डी ने यह भी कहा कि ऐसे तथाकथित बीज माफियाओं के विरूद्ध बीज अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होनें कहा कि वर्ष 2022-23 हेतु बीज गन्ना उत्पादको हेतु बीज गन्ने की अधिकतम दरें निर्धारित कर दी गयी हैं जिसमें को. 15023 एवं को.लख. 14201 रू 1.40 प्रति बड (ऑख) तथा को.शा. 13235 एवं को.लख. 12207 रू 1.00 प्रति बड (ऑख) तथा को.शा. 13231 रू 0.70 प्रति बड (ऑख) एवं शेष किस्मों की दर रू 400 प्रति कु. निर्धारित की गयी है।
यदि कोई बीज गन्ना उत्पादक कृषक इस से अधिक दर पर विक्रय करता है तो उसके विरूद्ध बीज अधिनियम के तहत कार्यवाही हो सकती है तथा पंजीकरण निरस्त करने, आर्थिक दण्ड लगाने व एफ.आई.आर. दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है।
उन्होनें गन्ना किसानों से भी आवाहन किया है कि ऐसे लोगों के सम्बन्ध में वो गन्ना विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर सूचना दे सकते हैं तथा उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा जिससे कि ऐसे लोगों के विरूद्ध त्वरित कार्यवाही की जा सके। उ.प्र. हेतु स्वीकृत गन्ना किस्मों की नवीनतम सूची उ.प्र. गन्ना शोध परिषद शाहजहॉपुर तथा चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के फेसबुक पेज पर उपलब्ध है। किसी नवीन किस्म के स्वीकृत होने पर विभाग के फेसबुक लाइव कार्यक्रम के माध्यम से समय-समय पर दी जायेगी।
श्री भूसरेड्डी ने कहा कि यह भी देखा जा रहा कि कुछ कृषक सोशल मीडिया पर अन्य प्रदेशों की वे किस्में जो उ.प्र. में स्वीकृत नहीं है, के सम्बन्ध में लुभावने पोस्ट डाल कर गन्ना किसानों को आकर्षित कर उच्च दरों पर उन किस्मों को बेच रहे है। ऐसे लोगों के सम्बन्ध में विभाग द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही है जिससे कि साइबर एक्ट/बीज अधिनियम के तहत इनके विरूद्ध कार्यवाही की जा सके।