लखनऊ: धान की पराली, गन्ने की पत्तियां जलाकर वातावरण को प्रदूषित करने वाले किसानों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त हो गई है। बीते दिनों राज्य के किसानों ने जमकर पराली और गन्ने की पत्तियों को जलाया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने कार्रवाई करने आदेश दिया। खबरों के मुताबिक, इस मामले में अबतक 126 किसानों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 1867 किसानों के खिलाफ एफआईआर का केस दर्ज किया गया है।
राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यहां कहा कि वातावरण को प्रदूषित करने के 5500 से अधिक मामले प्रकाश में आए और इस मामले को नियंत्रित करने में कोताही बरतने वाले 526 कर्मचारियों पर भी राज्य सरकार ने कार्रवाई की है। शाही के साथ कृषि उत्पादन आयुक्त भी उपस्थित थे। शाही ने कहा कि प्रदूषण फैलाने की ज्यादातर घटनाएं केवल मथुरा, शाहजहांपुर, पीलीभीत व रामपुर में हुईं।
शाही ने कहा कि दोषी किसानों को दंड भरने को कहा गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाने से कार्बनिक पदार्थ जलते हैं और भूमि की भौतिक व रासायनिक संरचना पर बुरा असर पड़ता है। सांस, नेत्र और त्वचा के रोग की समस्या होती है।
गन्ना किसानों के खेतों में खड़ी गन्ने की फसल की शत-प्रतिशत चीनी मिलों को होना सुनिश्चित हो या फिर प्राइवेट खण्डसारी व गुड़ उद्योग में सप्लाई करने पर भावान्तर का भुगतान सरकार करें। तभी होगा गन्ना किसानों का भला।